गजवा ए हिंद के वामपंथी जिहादी मिशन की फिल्में बनाते हैं यह हाजी मस्तान करीम लाला छोटा शकील और दाऊद इब्राहिम की रखैल रंडियां वेश्याएं चाहे वह मर्द हो या औरत
चने के झाड़ पर चढ़ा कर औरत का यौन शोषण करना यही बॉलीवुड के अंदर होता है यही सीखने के लिए इसी का नॉरेटिव खड़ा करने के लिए फिल्में बनती है दिखाई जाती है पैसा लगाया जाता है जिहादी फिल्म इंडस्ट्री है फिल्मी जिहाद करता है
इन सभी की शक्ल देख कर ही पता चल जाता है कि यह सारे के सारे कम्युनिस्ट है फिल्मों की बातें करके भी राजनीति ही करनी है आखिरकार ye shiba लश्कर और जैसे मोहम्मद को आतंकवादी संगठन नहीं मानते अमेरिका की साजिश मानती है और में बाकी छुट्टियों का भी यही हाल है हिंदुस्तानी परंपराओं को चुटियापा बता देंगे और मॉडर्न वर्ल्ड बताएंगे नक्सलवाद का सपोर्ट करेंगे आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता लेकिन अगर हिंदू से कोई अपराध हो जाए तो अपराधी का धर्म जरूर निकल जाता है इन लोगों के लिए साला हर चीज को जस्टिफाई कर देते हैं अभी बेंगलुरु में हुए ब्लास्ट पर इन लोगों के मुंह से कोई चीज नहीं निकाली इस चैनल पर भी कोई सेशन नहीं हुआ लेकिन अगर किसी मुसलमान के साथ कुछ हो जाता तो 1 घंटे की डिबेट लेकर बैठ जाते यहां पर यह साले अमीर लोगों से इतनी जलता है इन लोगों की इतनी जलता है कि अंबानी अगर अपने पैसों से शादी कर रहा है तो इनके पिछवाड़े में कीड़ा उछलता है, ,,,, अबे सुधर जाओ अब तुम कम्युनिस्टों का दौर नहीं रहा, , वह तो शुक्र करो सरकार ने अभी नमी बढ़ती हुई है अगर अपनी पर आ जाए और थोड़ी पूरी शक्ति कर देना तो तुम लोगों का यह भ्रामक प्रचार 2 सेकंड में बंद हो जाए??
रंडी खाना और वेश्यालय की संस्कृति को ही बढ़ावा देती है फिल्में जिसे हराम कहा जाता है जो हराम है हरामी लोग उसे आगे बढ़ते हैं
गजवा ए हिंद के वामपंथी जिहादी मिशन की फिल्में बनाते हैं यह हाजी मस्तान करीम लाला छोटा शकील और दाऊद इब्राहिम की रखैल रंडियां वेश्याएं चाहे वह मर्द हो या औरत
मतलब रंडी रोना करने के लिए विधवा ब्लॉक करने के लिए बहुत सारे लोग हैं यहां पर देखते हैं क्या फर्क पड़ता है
यह तो बूढी घोडी लाल लगाम वाली महिलाएं हैं लापता लेडी का पैसा लेकर प्रचार करने के लिए यह कार्यक्रम बनाया गया है
बुर्का नकाब हिजाब अबाया गांड में दम नहीं है कि पर चर्चा कर सको एक बाप से तुम में से कोई पैदा नहीं है
लिपस्टिक अंडर माय बरखा फिल्म पर कभी कोई कार्यक्रम बनाकर प्रस्तुत करो तब समझ कि तुम एक बाप से पैदा हो
चने के झाड़ पर चढ़ा कर औरत का यौन शोषण करना यही बॉलीवुड के अंदर होता है यही सीखने के लिए इसी का नॉरेटिव खड़ा करने के लिए फिल्में बनती है दिखाई जाती है पैसा लगाया जाता है जिहादी फिल्म इंडस्ट्री है फिल्मी जिहाद करता है
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इन सभी की शक्ल देख कर ही पता चल जाता है कि यह सारे के सारे कम्युनिस्ट है फिल्मों की बातें करके भी राजनीति ही करनी है आखिरकार ye shiba लश्कर और जैसे मोहम्मद को आतंकवादी संगठन नहीं मानते अमेरिका की साजिश मानती है और में बाकी छुट्टियों का भी यही हाल है हिंदुस्तानी परंपराओं को चुटियापा बता देंगे और मॉडर्न वर्ल्ड बताएंगे नक्सलवाद का सपोर्ट करेंगे आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता लेकिन अगर हिंदू से कोई अपराध हो जाए तो अपराधी का धर्म जरूर निकल जाता है इन लोगों के लिए साला हर चीज को जस्टिफाई कर देते हैं अभी बेंगलुरु में हुए ब्लास्ट पर इन लोगों के मुंह से कोई चीज नहीं निकाली इस चैनल पर भी कोई सेशन नहीं हुआ लेकिन अगर किसी मुसलमान के साथ कुछ हो जाता तो 1 घंटे की डिबेट लेकर बैठ जाते यहां पर यह साले अमीर लोगों से इतनी जलता है इन लोगों की इतनी जलता है कि अंबानी अगर अपने पैसों से शादी कर रहा है तो इनके पिछवाड़े में कीड़ा उछलता है, ,,,, अबे सुधर जाओ अब तुम कम्युनिस्टों का दौर नहीं रहा, , वह तो शुक्र करो सरकार ने अभी नमी बढ़ती हुई है अगर अपनी पर आ जाए और थोड़ी पूरी शक्ति कर देना तो तुम लोगों का यह भ्रामक प्रचार 2 सेकंड में बंद हो जाए??
Nice topic discussion
Worth watching